उदयपुर। जिले के फुलवारी की नाल अभयारण्य (Phulwari ki Naal Sanctuary) में बुधवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया। बैल को खोजने जंगल में गए दो ग्रामीणों पर अचानक भालू ने हमला कर दिया। इस घटना में दोनों ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए। वन विभाग की टीम अब इस क्षेत्र में सतर्क मोड पर है।
🚨 घटना कैसे घटी?
- घटना फलासिया पंचायत समिति के गांव धरावण की है।
- बुधवार शाम लगभग 4:30 बजे मोतीलाल (35) पुत्र भीमराज खराड़ी और मोहनलाल (40) पुत्र कालू खराड़ी जंगल में अपने बैल को खोजने गए थे।
- इसी दौरान अचानक सामने आए भालू ने दोनों पर हमला कर दिया।
- शोर मचाने के बाद भालू जंगल की ओर भाग गया।
🏥 घायलों का उपचार
- दोनों को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फलासिया लाया गया।
- प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें उदयपुर रेफर किया गया।
- घायलों के सिर और कान पर गंभीर चोटें आईं, पैर में गहरे जख्म बने और टांके भी लगे।
घायलों के अनुसार – “बैल को खोजते वक्त अचानक भालू ने हमला कर दिया। पहले मोहनलाल पर हमला किया, फिर बचाने गए मोतीलाल को भी घायल कर दिया।”
🌲 फुलवारी की नाल सेंचुरी – भालुओं का घर
- फुलवारी की नाल अभयारण्य उदयपुर से लगभग 100 किलोमीटर दूर है।
- यह सेंचुरी 511 वर्ग किमी में फैली है और इसमें कोटड़ा, मामेर और पानरवा रेंज शामिल हैं।
- इस साल की वन्यजीव गणना के अनुसार, यहां लगभग 48 भालू मौजूद हैं।
- सेंचुरी के अंदर 133 गांव बसे हुए हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं समय-समय पर सामने आती रहती हैं।
🔎 वन विभाग की कार्रवाई
पानरवा वन रेंजर राजेश ने बताया कि सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और क्षेत्र को घेराबंदी कर सतर्क मोड पर रखा गया है। ग्रामीणों को भी जंगल में सतर्कता से आने-जाने की हिदायत दी गई है।
📌 इंसानों और वन्यजीवों के बीच बढ़ता संघर्ष
- बारिश के मौसम में भोजन और पानी की तलाश में भालू अक्सर गांवों के आसपास आ जाते हैं।
- ग्रामीणों का जंगल में मवेशियों को चराने या खोजने जाना जोखिम बढ़ा देता है।
- वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि इंसानों को सावधानी बरतनी चाहिए और समूह में ही जंगल जाना चाहिए।
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